Sunday, September 13, 2009

हिन्दी दिवस पर

धन्य हो भारतेंदु
धन्य हो नरेन्द्र देव
धन्य हो मदन मोहन मालवीय
आपने हिन्दी का जो वृक्ष लगाया, बोया, सींचा।
छाँह, फल, शाखा, फूल भूलकर .....
हिन्दी वाले ही काट रहे हैं।
हाय इस वृक्ष की विडम्बना,
जैसे वृक्ष लगाया गया ही इस लिए की इसे काटा जा सके।


No comments:

Post a Comment